स्‍तन कैंसर से बचने के लिए इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है

स्‍तन कैंसर से बचने के लिए इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है



QUICK BITES:
  • भारतीय औरतों में स्तन कैंसर होने की औसत उम्र घटती जा रही है। 
  • 22 में से एक महिला को जीवन में स्तन कैंसर से ग्रस्त होने का जोखिम। 
  • स्तन की गोलाई में कोई बदलाव, जैसे एक से दूसरे का बड़ा होना है लक्षण। 
  • महिलाएं खुद स्तन की जांच कर सुनिश्चित करें कि उसमें कोई गांठ तो नहीं।


स्तन कैंसर एक तेजी से बढ़ती हुई और गंभीर समस्या है, स्तन कैंसर पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाओं को कम उम्र में शिकार बना रहा है। भारतीय औरतों में स्तन कैंसर होने की औसत उम्र लगभग 47 साल है, जो कि पश्चिमी देशों के मुकाबले 10 साल कम है।  हांलाकि सही जानकारी, थोड़ी सी सावधानी और समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज से इस समस्या को हराया जा सकता है। जानें स्तन कैंसर के लक्षण।


ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट में दर्द या गांठ ज़रा-सा भी महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कभी-कभी ये भी होता है गांठ में दर्द न हो, लेकिन छूने पर ये महसूस होता है। स्तनों में पड़ने वाली गांठ को मेमोग्राफी के ज़रिए पता किया जा सकता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का भी पता लगाया जा सकता है और मेमोग्राफी कराने में ज्य़ादा पैसे भी नहीं लगते। 30 से 35 साल की महिला को एक बार मेमोग्राफी ज़रूर करानी चाहिए। ब्रेस्ट में गांठ और समय के साथ इसका आकार बढ़ना,  ब्रेस्ट का असामान्य तरीके से बढ़ना, बगल में सूजन आना, निप्पल का लाल पड़ना या उनसे खून आना, यदि आपके स्तन में कोई उभार या असामान्य मोटाई लगे तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।





जाचें व इलाज
यह आवश्यक है कि 30 साल की उम्र से प्रत्येक महिला माहवारी के बाद अपने स्तनों और इसके इर्दगिर्द होने वाले बदलावों की स्वय जाच करे। इसी तरह 40 साल की उम्र से प्रत्येक महिला को साल में एक बार ब्रेस्ट स्पेशलिस्ट से अपनी जाच कराकर उनके परामर्श से स्तनों का एक्सरे कराना चाहिए। इस एक्सरे को मैमोग्राम कहते हैं। मैमोग्राम के जरिये चावल के दाने जितने सूक्ष्म कैंसरग्रस्त भाग का पता लगाया जा सकता है। इस स्थिति में कैंसर के इलाज में पूरे स्तन को निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। इस अवस्था में पता चलने वाले स्तन कैंसर के रोगियों का 90 से 95 प्रतिशत तक सफल इलाज हो सकता है। जब स्तन कैंसर का बाद की अवस्था (एडवास्ड स्टेज) में पता चलता है, तो इसके इलाज के लिए पूरे स्तन को ऑपरेशन के जरिये निकालना पड़ता है।


महानगरों व शहरों में रहने वाली औरतों में स्तन कैंसर के मामले अधिक देखे जाते हैं। जल्द ही इस रोग के बारे में अगर कुछ ठोस कदम न उठाए गए तो स्तन कैंसर जल्द ही भारत में महिलाओं का सबसे बड़ा कैंसर बन सकता है। इससे बचने के लिए महिलाएं खुद हर महीने स्तन की जांच करें और देखें कि उसमें कोई गांठ तो नहीं है।
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