एक इंजेक्शन से लौटेगी रोशनी



दुनियाभर में हर साल लाखों लोग विभिन्‍न कारणों से आंखों की रोशनी गंवा देते हैं। इनमें से प्रमुख कारण है रेटिना की नेस का अवरूद्व होना। अवरोध के कारण नस सूज जाती है जिससे दिखना बंद हो जाता है। इस गंभीर समस्‍या के इलाज के लिए वैज्ञानिकों ने एक इंजेक्शन विकसित किया है, जिसे ब्रिटेन की नेशनल हेल्‍थ सर्विस मान्‍यता भी दे चुकी है।


अब इंजेक्शन सीधे आंख में लगाया जाएगा। इस तरह महज सात मिनट की एक प्रक्रिया में आंख में दवा पहुंचाई जा सकेगी। एडिनबर्ग स्थित प्रिंसेज अलेक्‍जेंड्रा आई पवेलियन में कार्यरत नेत्र रोग विशेषज्ञ पीटर काकेट के मुताबिक, मौजूदा उपचार सभी मरीजों के लिए उपयुक्‍त नहीं हैं। इनके साइड इफेक्‍ट भी हो सकते हैं। ल‍ेकिन नई दवा या इंजेक्शन बिल्‍कुल अलग तरीके से काम करता है।


काकेट ने कहा, अब हम आसानी से किसी की खोई हुई दृष्टि लौटा सकते हैं और हमेशा के लिए दृष्टिहीन होने से बचा सकते हैं। आंख की रेटिना में नस का अवरूद्व हो जाना आम बीमारी हे। इससे आंखों की रोशनी समाप्‍त होने का खतरा रहता है। दरअसल इसमें रेटिना की एक नस में खून जम जाता है, जिससे रेटिना का केंद्रीय हिस्‍सा, मैक्‍युला सूज जाता है। मैक्‍युला ही रंगों और बारीकियों को देखने के लिए जिम्‍मेदार होता है। यदि इसकी सूजन का उपचार नही किया जाए तो आंखों की रोशनी जा सकती है। इस सूजन को मैक्‍युला शोध कहते हैं।


विशेषज्ञों का कहना है कि आंख की नस में सूजन के दुष्‍प्रभाव अचानक दिखते हैं। सूजन होने पर दृष्टि धुंधली होने लगती है और कोई चीज या कुछ लिखा हुआ साफ-साफ नजर नही आता। काकेट कहते हैं, आंख में खून का जमना किसी पाइपलाइन में रूकावट की तरह काम करता है। जमाव के पीछे दबाव बनता है और रेटिना में ताजा और ऑक्‍सीजन की जरूरत का पूरा करने के लिए रेटिना की कोशिकाओं से एक पदार्थ निकलता है जिसे वेस्‍कुलर एंडोथेलियल ग्रोथ फैक्‍टर कहते हैं। यह पदार्थ नई रक्‍त वाहिकाओं के पनपने में मदद करता है। लेकिन इसकी वजह से रेटिना में तरल पदार्थ भरने लगता है जिससे अंतत: मैक्‍युला में सूजन होने लगती है। इसका असर दृष्टि पर पड़ता है।


काकेट ने कहा, यदि सूजन लंबे समय तक कायम रहता है तो वह रेटिना की कोशिकाओं का क्षति पहुंचाता है जिससे आंखों की रोशनी जा सकती है। उन्‍होंने कहा, लेकिन नई इंजेक्शन वेस्‍कुलर एंडोथे‍लियल ग्रोथ फैक्‍टर के दुष्‍प्रभावों को रोकती है। यह रक्‍त वाहिकाओं में सूजन नही होने देती, साथ ही नई रक्‍तवाहिकाओं को पनपने नहीं देती।
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